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आखिर क्यों..??????? VOICE FOR WOMEN

 आखिर क्यों..??????? चाहे हजारों स्त्री से उसके संबंध हो, चाहे कई नाजायज़ अनुबंध हो, लेकिन पुरुष कभी वेश्या नहीं कहलाते। चाहे वह कितने ही प्रपंच कर ले. और इससे कितने ही प्राण हर ले, लेकिन पुरुष कभी डायन नही कहलाते। अपनी खानदानी अस्मत कोठों पर बेच आता है, नज़रे पराई स्त्री पर चाहे लगाता है, लेकिन पुरुष कभी कुल्टा नहीं कहलाते। चाहे ये कितने ही क्रूर स्वभाव के हों, चाहे कितने ही घृणित बर्ताव के हों लेकिन पुरुष कभी चुड़ैल नहीं कहलाते। यहां तक की दो पुरूषों के झगडे में घर से लेकर सड़क तक के रगड़े में स्त्रियों के नाम पर ही गालियां दी जाती हैं, और फिर शान से ये मर्द कहलाते हैं। क्यों डायन, कुल्टा, चुड़ैल, वेश्या, बद्दलन केवल नारी ही कहलाए.. .? क्या इन शब्दों के पुर्लिंग शब्द, पितृसत्तात्मक समाज ने नहीं बनाए.......? क्या यहाँ कोई ऐसा पुरुष है जिसे सड़क पर चलते हुए ये भय लगता हो कि अकस्मात ही पीछे से तेज़ रफ़्तार में एक स्कॉर्पियो आएगी और उसमें बैठी चार महिलाएँ जबरन उसे गाड़ी में उठा कर ले जायेंगी उसका बलात्कार करेंगी और किसी सुनसान जगह पर अधमरी हालत में एक बड़े पत्थर से उसका सिर कुचल देंग...

DO PARIWAR KI KAHANI - दो परिवार की कहानी

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दो परिवार एक दूसरे के पड़ोस में ही रहते थे। एक परिवार हर वक्त लड़ता - झगड़ता था जबकि दूसरा परिवार शांति से और मैत्रीपूर्ण रहता था। एक दिन, झगड़ालू परिवार की पत्नी ने शांत पडोसी परिवार से ईर्ष्या महसूस करते हुए अपने पति से कहा, “अपने पडोसी के वहा जाओ और देखो की इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए वो क्या करते हैं।” पति वहां गया और छुप के चुपचाप देखने लगा। उसने देखा कि एक औरत फर्श पर पोछा लगा रही हैं। अचानक किचन से कुछ आवाज आने पर वो किचन में चली गई। तभी उसका पति एक रूम कि तरफ भागा। उसका ध्यान नहीं रहने के कारण फर्श पर रखी बाल्टी से ठोकर लगाने के कारण बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फेल गया। उसकी पत्नी किचन से वापिस आयी और अपने पति से बोली, “आई एम सॉरी, डियर । यह मेरी गलती थी कि मेने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया।” पति ने जवाब दिया  -  नहीं डियर, आई एम सॉरी। क्योकि मेने इस पर ध्यान नहीं दिया। झगड़ालू परिवार का पति जो छुपा हुआ था वापस घर लोट आया। तो उसकी पत्नी ने पडोसी की खुशहाली का राज पूछा। पति ने जवाब दिया - उनमे और हम में बस यही अंतर हैं कि हम हमेशा खुद सही होने कि कोशिश करते है। एक दूसर...

tree plantation & global warming - पेड़ लगाना और ग्लोबल वार्मिंग

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 पेड़ लगाना और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में कुछ मुख्य बातें  पेड़ लगाना - Tree Plantation 1. पेड़ लगाना एक वरदान है, जो हमें प्रकृति के करीब लाता है। 2. हर पेड़ एक जीवन है, जो हमें ऑक्सीजन देता है और हमें जीवित रखता है। 3. पेड़ लगाना एक भविष्य की सोच है, जो हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित भविष्य प्रदान करता है। 4.पेड़ हमारे जीवन के लिए ऑक्सीजन का स्रोत हैं, और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। 5 . हर पेड़ एक जीवन को बचाता है, और पेड़ लगाना एक जीवन को बचाने के समान है। 6. पेड़ लगाना एक निवेश है, जो हमें भविष्य में स्वस्थ और हरित वातावरण प्रदान करता है। ग्लोबल वार्मिंग - Global warming 1. ग्लोबल वार्मिंग एक चेतावनी है, जो हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रेरित करती है। 2. हमारी पृथ्वी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करने के लिए हमें काम करना होगा। 3. ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई एक संयुक्त प्रयास है, जिसमें हमें सभी को योगदान देना होगा। 4. ग्लोबल वार्मिंग एक खतरनाक चुनौती है, जिसका सामना करने के लिए हमें एकजुट होना ह...

tu badhte jana - तू बढ़ते जाना

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रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत मगर तू बढ़ते जाना रोकेगा ज़माना तुझे पर तू चलते जाना। जब रहेगी सामने मंज़िल तेरे तो रुकावटों पर नज़र भी नहीं जा पाएगी रास्ते हो जाएंगे आसान तेरे जब सपनो में भी मंज़िल नज़र आएगी। यूँ जमीन पर बैठकर क्यूँ  आसमान देखता है, पँखों को खोल जमाना  सिर्फ उड़ान देखता है। उम्र थका नहीं सकती ठोकरे गिरा नहीं सकती  अगर जिद हो जितने की तो परिस्थितिया भी हरा नहीं सकती। ज्यादातर महान लोगों को उनकी सबसे बड़ी सफलता उनकी सबसे बड़ी असफलता के बाद मिली , इसलिए दोस्तों कोशिस करते जाओ, चाहे रास्ते में हजार मुश्किलों हो , स्वयं पर विश्वास रखो और ईश्वर से प्राथना करो की आप जिस अच्छे काम को करना चाहते है उसमे वह आपकी सहायता करें।   tu badhte jana - तू बढ़ते जाना  आगे पढ़े। .....   मर्द को दुख तब नहीं होता . . .  . . . .  हिंदी कविताएं  .  प्रेरणादायक लेख  .

वो गिराएंगें बार बार तू उठकर फिर से चलता चल – wo girayenge baar baar tu uthkar fir se chal

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मेरी सूनी हुई Best motivational कविता में से एक  ठोकरें अपना काम करेंगी तू अपना काम करता चल वो गिराएंगें बार-बार तू उठकर फिर से चलता चल हर वक्त, एक ही रफ्तार से दौड़ना कतई जरुरी नहीं तुम्हारा मौसम की प्रतिकूलता हो तो बेशक थोड़ा सा ठहरता चल अपने से भरोसा न हटे बस ये ध्यान रहे तुम्हें सदा नकारात्मक ख्याल दूर रहे तुझसे उनसे थोड़ा संभलता चल पसीने की पूंजी लूटाकर दिन रात मंजिल की राह में दिल के ख़्वाबों को जमीनी हकीकत में बदलता चल एक दिन में नहीं लगते किसी भी पेड़ पर फल कभी भी पड़ाव दर पड़ाव ही सही अपनी मंजिल की ओर सरकता चल। – अंजान मित्र  वो गिराएंगें बार बार तू उठकर फिर से चलता चल – wo girayenge baar baar tu uthkar fir se chal . . . Hindi poem by India motivation हिंदी की बेहतरीन कविताएं और कहानियां Indiamotivation.com पर पाए 

MEN pain quotes in Hindi

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    मर्द को दुख तब नहीं होता जब वो मेहनत करके अपने घर को चलाने की कोशिश करता है। मर्द को दर्द तो तब होता है जब उसे पता चलता है जिसके लिए वो दिन रात मेहनत कर रहा है, वही लोग उसकी सुनते नहीं, समझते नहीं, उसका सम्मान नहीं करते, उसको प्रेम नहीं देते और उसे दो कौड़ी के बराबर समझते है। फिर वो परिवार हो दोस्त हो प्रेमी हो कार्यस्थल हो।                    MEN pain quotes in Hindi 

शिक्षा सिर्फ स्कूलों में ही नहीं बाहर भी मिलती है : MORAL EDUCATION ( SHIKSHA )

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  दोस्तों याद रखे शिक्षा आपको हर जगह मिलती है। सिर्फ किताबो का ज्ञान अर्जित करना ही जरुरी नहीं है, बल्कि सामाजिक ज्ञान भी जरुरी है।  किताबो में आप कितना ही पढ़ ले की आपको कैसा जीवन जीना है, कैसा रहन-सहन करना है, लेकिन जब आप वास्तविक जीवन में उसे उतारते है, तो वह थोड़ा अलग होता है और उसी से आप सीखते है। यह आपका एक अनुभव बनता है तथा यह अनुभव आपको जीवन में आने वाले चुनौतियों से लड़ना सिखाता है। याद रखे शिक्षा सिर्फ स्कूलों तक ही सिमित नहीं है। आप भविष्य में जो कर्म करेंगे , जो गलती करेंगे उनसे भी आपको सीखना है।  यदि आप अपने कार्यों में की गयी त्रुटियों से नहीं सीखेंगे तो यह आपको असफलता की और ले जायेगा।   जीवन में सफल होना है तो अपने और दूसरे की गलतियों से भी सीखे इसलिए जहां ज्ञान मिले बटोर लो।  धन्यवाद् - संदीप ठाकुर  शिक्षा सिर्फ स्कूलों में ही नहीं बाहर भी मिलती है : MORAL EDUCATION ( SHIKSHA )   आगे पढ़े.. .......  योग के फायदे     शिक्षा कोट्स ज्ञान  EDUACTION QUOTES  MORAL EDUCATION ABOUT  SHIKSHA    

VICHAR ( विचार ) BY SANDIP THAKUR ( ECO WARRIORS)

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 विचार क्या है ? विचारो से ही पूरा जीवन चल रहा है , विचार आपको बनाता है, मिटाता है। विचार एक छोटा सा शब्द है लेकिन यह आपको कभी सामान्य तो कभी असामान्य बनाता है। लोग कहते है सकरात्मक विचार सोचे लेकिन बिना नकरात्मक विचार के भी आप सुरक्षित नहीं है। यदि आप खाई के किनारे खड़े है और आपके अंदर से आ रहा है की पीछे हट जाओ, तो यह नकरात्मक नहीं सुरक्षात्मक विचार है। इसलिए सकरात्मक और नकरात्मक दोनों विचार जरुरी है।  अब कैसा विचार आपको जीवन में सफल बनाएगा कैसे उसको संतुलतित रखे यह सवाल थोड़ा सोचने वाला है...  लक्ष्य तय करे  क्या करना है आपको ? क्यों वह काम करना चाहते हो ? क्या मिलेगा उससे? जब इन सवालो का जवाब आपको मिल जायेगा तब आपको आपका लक्ष्य मिल जायेगा।  अब आपको आपके लक्ष्य से जुड़े चीज़े करनी है। जैसे, जो आपको लक्ष्य तक पहुचाये ऐसी किताबे पढ़नी है , ऐसे लोगो से मिलना है जो आपके लक्ष्य को मूल्यवान समझे, आपके लक्ष्य से सम्बंधित चीज़े देखनी है एवं  सुननी है तब जाकर आपके लक्ष्य की ओर आपके विचार संतुलित रहेंगे। बड़े-बड़े बुद्धिमान असफल हो जाते है जो अपना विचार को नियंत्रित नहीं ...

BENEFITS OF YOGA 21 DAYS - योग करने के २१ दिन बाद

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     दोस्तों योग के बारे में बताने से पहले हम आपको अपने भारत के कुछ विशेषताओं के बारे में बताना चाहते है।   हमारे भारत की पहचान हमारी संस्कृति, ऋषि-मुनियों, वेद, पुराण, आयुर्वेद, योग,परंपरा तथा हमारे संस्कार  इत्यादि मुख्य वस्तुओं से है। आजका भारत अपने परम्पराओं को भूलता जा रहा है। हमारी सभ्यता, हमारी आयुर्वेद आज विदेशो के लोग भी अपना रहे है। लेकिन बड़ी दुःख की बात यह है की हमारे देश के लोग इनका मजाक उड़ाते है। लेकिन कोई बात नहीं हम पूरी कोशिश करेंगे। हमारे संस्कृति और परम्पराओं को फिर से प्रचार करने की। विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारे देश की संस्कृति नष्ट करने की पूरी कोशिश की। नालंदा एवं तक्षशिला जैसे बड़े विश्वविद्यालयों को जला दिया। नालंदा के पुस्तकालय में इतनी किताबें थी की वह ३ महीने तक जलती रही। हमारे कितने ही ऐसे पुस्तकों को नष्ट कर दिया, जिसमे आयुर्वेद एवं बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां थी। ऐसा कहा जाता है की आज का विज्ञान जिन चीजों के रहस्य को सुलझा नहीं सकता, उन सब का जवाब भी हमारे कई पुस्तकों में था। हमारे ऋषि ...