SWAMI VIVEKANANDA KI SAHAS DENE WALI KAHANI (स्वामी विवेकानंद की साहस देने वाली कहानी )
SWAMI VIVEKANANDA KI SAHAS DENE WALI KAHANI
स्वामी विवेकानंद जी को बचपन में सब नरेन कहकर बुलाते थे। उनका वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वे बड़े मेधावी छात्र थे। उनका बुद्धि बहुत तेज था इसलिए सभी लोग उनसे बहुत प्रभावित रहते थे। उनके घर के बाहर एक पेड़ था। वे और उनके मित्र सभी उस पेड़ पर चढ़कर खेलते, एक डाल से दूसरे डाल तक छलांग मारते और उल्टा लटकते थे। ये सब देख कर पड़ोस के एक चाचा को बड़ी फिक्र रहती थी की बच्चे गिर कर अपना पैर हाथ न तोड़ ले। इसलिए उन्होंने बच्चों को पेड़ से दूर रखने के लिए बच्चो को बुलाया और एक कहानी सुनाया। बच्चों तुमलोग इस पेड़ पर मत चढ़ो, इस पेड़ पर एक पिशाच रहता है वह इस पेड़ पर चढ़ने वालो की गर्दन मरोड़ देता है। सब बच्चे डर गए लेकिन नरेन चुप चाप सुनता रहा और और सभी वहाँ से चले गए। पिशाच के डर से कोई वहाँ दो दिन तक खेलने नहीं आया। तीसरे दिन एक बच्चे ने दूर से उस पेड़ पर किसी को बैठा हुआ देखा, उसने दूर से आवाज लगायी कौन है पेड़ पर? तब नरेन ने उत्तर दिया - अरे मित्र, में हूँ नरेन। वो नजदीक गया और कहा अरे तुमने सुना नहीं चाचा ने क्या कहा, इस पेड़ पर भूत रहता है। नरेन हँसने लगा और कहा मित्र में उस दिन से रोज यहाँ अकेला बैठता हूँ लेकिन मुझे तो किसी पिशाच ने कुछ नहीं किया, चाचा ने हमें डराने के लिए ऐसा कहा होगा और वैसे भी हमलोग तो यहाँ रोज खेलते हे न, अभी तक तो हमे किसी पिशाच ने कुछ नहीं बिगाड़ा। वह समझ गया और कहा तुम सही कह रहे हो मित्र, चलो खेलते हे। नरेन ने कहा ठीक है और हाँ एक बात याद रखना हमें सुनी सुनाई बातों पर तब तक विश्वास नहीं करना चाहिए जब तक हम स्वयं उस चीज को अनुभव न करले। स्वामी विवेकानंद जी बचपन से ही बड़े साहसी थे। उनके प्रवचण युवाओं में जोश डाल देते हैं। वे कहते हे "की उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक की लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये।"शिक्षा : मित्र , इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें किसी भी अंधविश्वास पर यकीन नहीं करना चाहिए, जिसे हम देख और अनुभव नहीं कर सकते और उसको परखने के लिए साहस के साथ डटकर खड़ा रहना चाहिए।
इस दुनिया में अभी भी बहुत सरे अंधविश्वास फैले हए हे जिनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है।
हमें उसे मिटाने के लिए सच को सामने लाना होगा इसके लिए हमें साहस दिखाना होगा और उनका विरोध करना होगा।
यह कहानी आप अपने मित्रो क साथ जरुर शेयर करे।
धन्यवाद
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