JIVAN WAHI JO DUSRO KE KAAM AAYE
JIVAN WAHI JO DUSRO KE KAAM AAYE
एक लड़का था जिसका नाम सूरज था। उसका स्वाभाव बहुत ही जिज्ञासु प्रकृति का था। उसे कोई भी नयी चीज के बारे में पता चलता तो वो उसके बारे में जानने के लिए बैचैन हो जाता। वह एक बहुत ही सभ्य घर में जन्म लिया था। लेकिन उसके आस पास का माहौल बहुत ही खराब था इसलिए उसके माँ बाप को चिंता रहता की वो किसी बुरे संगती में न फंस जाये। लेकिन सूरज का चरित्र कुछ ऐसा था जैसा रहिम जी ने दोहे में कहा है "जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग चन्दन विष व्याप्त नहीं लिपटे रहत भुजंग"।एक दिन सूरज स्कूल से घर आ रहा था तो उसकी नजर शराब की दुकान की तरफ गया तो उसने वहां कुछ लोगो को उल्टी सीधी हरकते करते देखा और घर जाकर अपने पापा से पूछा पापा ये शराब क्या होता है मेने एक दुकान देखा वहां पर और कुछ लोग अजीब तरह के हरकत कर रहे थे। उसके पापा बोले बेटा शराब एक नशें की चीज होती है वो नशे के कारन ऐसा कर रहे थे। सूरज ने कहा : तो पापा ये लोग नशा क्यों करते है। पापा : देखो बेटा शराब में अलकोहल पदार्थ होता है जो शरीर को गर्म रखता है और ये ठंडे प्रदेश में रहने वाले लोग बहुत थोड़ी मात्रा में सेवन करते थे लेकिन उनसब को देखकर कुछ लोग इसका गलत मतलब निकाल लेते हे और इस नशे की उन्हें लत लग जाती है, इससे उनके जीवन तकलीफो से भर जाती है इसलिए बेटा इस नशे से दूर रहना। सूरज समझ गया और उसने ठान लिया की वह नशा नहीं करेगा जैसे जैसे वो बड़ा हुआ उसके मन में बहुत सारे सपने आने लगे वो कुछ बड़ा करना चाहता था । लेकिन उसे यह पता नहीं था कि उसके जीवन का क्या उदेश्य है। वह करना बहुत कुछ चाहता था लेकिन अपने घर के परिस्थिति के कारण उसका हर काम अधूरा रह जाता था। इसलिए उसने सबसे पहले अपने घर की परिस्थिति को ठीक करने का फैसला किया और वो पढ़ाई के साथ काम भी करने लगा इससे उसके घर की परिस्थिति थोड़ी ठीक हुई। एक दिन उसके पास एक औरत आयी और बोली बेटा मेरी मदद करो मेरे बेटे की लीवर ज्यादा शराब पीने की वजह से खराब हो गया हे डॉक्टर ने 2 लाख मांगे हैं इलाज़ के लिए। उसके पास कुछ पैसे थे उसने दे दिए लेकिन उसे अफसोस होने लगा कि वो उसकी मदद नहीं कर सका और जिस जगह वो रहता था वहां की आस पास की परिस्थिति भी बहुत खराब थी इसलिए कोई उस औरत की मदद नहीं कर सका और उसका बेटा मर गया ओर वो औरत पागल हो गयी और वो हर शराब पिने वाले से कहती बेटा शराब तुम पी रहे हो या शराब तुमको ओर सब उसे चल हट बुढ़िया कहके भगा देता। उस वक्त से सूरज ने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया कि वो खूब पैसा कमाएगा ओर जरूरतमंद लोगो की मदद करेगा। और ये सब सोचते हुए घर जाने लगा रास्ते में उसे याद आया कि माँ ने घी लाने को कहा है तो उसने घी खरीदा दुकान से ओर घर गया और रात के खाने में उसके माँ ने घी मिलाया था और जब सभी ने वो खाना खाया तो सबकी तबीयत बिगड़ गयी रात को ही डॉक्टर बुलाया और दवाई खाने के बाद सब सो गए ओर सुबह उठते ही सूरज को व्यवसाय का विचार आयाऔर उसने गांव वालों से मिलकर बात किया कि वो इस गांव की उन्नति के लिए एक बड़ा व्यवसाय करने की सोची है।
गांव वालों ने पूछा कैसा व्यवसाय उसने कहा हमारे गांव में लगभाग हर किसी के घर में गायें है इसलिए हम सब अगर अपने घरों से गायों को एक जगह रखकर उसका दूध निकाल कर दही, घी, मक्खन तैयार करेंगे और उसको शहर मे ले जाकर बेचे तो खूब पैसा कमाएंगे। लोगो ने पूछा लेकिन बेटा हम इतना सारा दूध, दही, घी, मक्खन को बेचेंगे तो कौन खरीदेगा उसने कहा हम जो कुछ भी समान बाजार से खरीदते है उसमे मिलावट रहता है लेकिन हम जो समान देंगे वो शुध्द रहेगा 100% उसकी हम जिम्मेदारी भी लेंगे और हम उनको सामने ये सब चीज़े बनाके देंगे हमारा यहां जो काम होगा camera के सामने होगा ओर इस अधार पर हम प्रचार करेंगे। और गांव के विकास के लिए सब तैयार हो गए सबने अपने अपने गायों को लेकर एक बहुत बड़ी जमीन पर गोशाला बनाया और वहां से उन्होने काम शुरू किया और उनका सामान शुध्द होने के कारण प्रसिध्द हो गया ओर बड़े बड़े शहरों से order मिलने लगा ओर उनके गांव वालों का रोज़गार बढ़ा। इस तरह से सूरज ने अपने गांव का विकास किया और सभी शराब पिने वालो को प्रेरणा देकर उनका शराब छुड़ाया और इस तरह से उस गांव में शराब की दुकाने बंद हो गयी।
शिक्षा : इस कहानी से हम ये सीख सकते हे की हमें गलत चीज़ों से दूर रहना चाहिए और लोगो की मदद करना चाहिए।
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