AALSI SOCH KA PARINAM-आलसी सोच का परिणाम
AALSI SOCH KA PARINAM
एक गांव में एक किसान था, जिसके दो बेटे थे राम और शाम। दोनों अमीर बनना चाहते थे। राम मेहनत करके धन कमाना चाहता था और शाम आसान तरीके से। किसान के घर कोई असहाय व्यक्ति आता तो राम उसे कुछ न कुछ जरूर देता। लेकिन यदि शाम वहां होता तो उसे भगा देता, कहता कुछ नहीं है, जाओ यहाँ से।कुछ सालों बाद उन दोनों की शादी हो गयी और उनके खर्चें भी बढ़ने लगे। घर की स्थिति अब खराब होने लगी थी। राम दिन भर काम करता रहता और शाम अपने आलसीपन की वजह से काम से कतराता था। उसकी पत्नी और पिताजी उसे समझाते काम नहीं करोगे तो पैसे कैसे आएगा। शाम कहता में बैठे -बैठे पैसे कमाऊंगा देखना।
आलसी चिड़ियाँ
एकदिन उनके पिताजी ने दोनों को बुलाया और कहा- बेटे राम अब सिर्फ खेत में काम करने से नहीं होगा। और शाम तुम्हें भी अपना आलस छोड़ना पड़ेगा। तुमलोग सिर्फ अमिर बनने के सपने ही देखते रहते हो और कुछ नया करते नहीं। उन्होंने कहा पिताजी हम दोनों ने कल रात को ही फैसला किया है, हम नगर जाकर काम करेंगे और कुछ बन कर ही आएंगे।
अगले दिन उन्होने पिताजी से आज्ञा लेकर शहर की तरफ चल दिए। जाते-जाते रात हो गयी और रास्ते में उन्हें जंगल मिला। राम ने कहा चलो रात में यहीं विश्राम कर लेते है, आस पास कहीं अच्छी जगह देखकर। शाम ने कहा ठीक है और दोनों बढ़ने लगे। शाम ने एक हल्की रौशनी देखी और नज़दीक जाकर देखा वहां एक कुटिया है। वह दोनों उस कुटिये की तरफ बढ़ने लगे। कुटिया के पास पहुँच कर राम ने आवाज़ लगाई कोई है यहाँ जब कोई आवाज़ नहीं आयी तो अंदर जाकर देखा की वहां एक साधु ध्यान कर रहे थे। यह देखकर वह दोनों उनको बाधा न डालते हुए चुप चाप उनके सामने जाकर बैठ गये उनके ध्यान से बाहर आने की प्रतीक्षा करने लगे।
कुछ समय बाद साधु ध्यान से बाहर आये और कहे में तुम दोनों के धैर्य को देखकर खुश हुआ। तुमने मेरी ध्यान से निकलने तक प्रतीक्षा किया। बोलो पुत्रो तुम यहाँ क्यों आये हो? राम ने बताया की हम नगर जा रहे थे, जाते-जाते अँधेरा हो गया तो हमने सोचा थोड़ा आराम करले तो आपकी कुटिया देखकर हम इधर आ गए।
साधु ने पूछा नगर क्यों जाना चाहते हो ? शाम ने उतर दिया, हमारे घर की स्थिति खराब है इसलिये हम बहुत ज्यादा पैसे कमाना चाहते है। ताकि हमें कोई परेशानी न हो कभी, साधु जी आपके पास कोई सरल उपाय हो तो बताएं हमें। साधु ने कहा पुत्रों ! अगर अमीर बनना है तो हमेशा मेहनत का ही रास्ता चुनना सरल मार्ग ज्यादातर असफलता ही देती है। में एक उपाय बताता हूँ सरल तो नहीं लेकिन कठिन भी नहीं है। तुम दोनो लक्ष्मी जी का ध्यान करो वह खुश हो गयी तो तुम्हे पल भर में धनी बना देगी।
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साधु की बात सुनकर अगले दिन से वह दोनों लक्ष्मी जी का ध्यान में बैठ गए और कड़ी तपस्या में लीन हो गए बिना खाये पिये महीनो तक एक ही जगह पर बैठे रहे। यह देखकर साधु भी आश्चर्यचकित हो गए और प्राथना किया, हे ! माता लक्ष्मी कृपा करो इनपर। कई दिनों से ये भूखे प्यासे कमजोर होते जा रहे है।
कुछ दिन और बीतने के बाद माता लक्ष्मी उनके सामने प्रकट हुयी। और कहा पुत्रो में तुम्हारे तपस्या से खुश हूँ। तुम्हे क्या चाहिए कहो।
दोनों ने अपनी आँखे खोली। और माता लक्ष्मी को प्रणाम किया।
सबसे पहले शाम ने कहा हे माता मुझे ऐसा वर दो की मुझे कोई काम न करना पड़े बस बैठे -बैठे धन मिले। कभी किसी को धन देना न पड़े हमेशा मुझे ही सब धन देके जाय।
माता लक्ष्मी ने कहा ठीक है तुम्हारी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
उसके बाद राम से पूछा ? और राम तुम्हे क्या चाहिए ?
राम ने कहा हे माता मुझे ऐसा वर दो की में इस काबिल हो जाऊ की मेरे घर से कोई असहाय वयक्ति खाली हाथ वापस न जाये सभी की जरुरत में पूरा कर सकूँ।
माता लक्ष्मी ने कहा अति सुन्दर विचार है राम, तुम्हारी भी इच्छा पूर्ण की जाएगी। कल सुबह जब जागोगे तब तुमलोगों की इच्छा पूरी हो जाएगी।
राम और शाम खुशी से घर वापस चले गए। और जब वे अगली सुबह जागे तब राम उस गांव का सबसे अमीर आदमी बन चूका था उसके पास महल और धन सम्पति थी। और शाम उस गांव का भिखारी बन चूका था वह उस गांव के रास्ते पर बैठ कर भीख मांग रहा था।
शिक्षा : दोस्तों अगर आपको किसी भी क्षेत्र में सफल होना हो तो उस क्षेत्र में मेहनत करे। आलस इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती , क्यों की आसान रास्ते आपके बुद्धि को विकसित होने से रोकती है। जैसा की इस कहानी में शाम ने अपने आलसी बुद्धि के कारण अपना ही बुरा कर बैठा। मेहनत का रास्ता चुने वही एकमात्र आपको सफलता दिलाएगी।
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