man kya hai - मन क्या है ?
क्या है मन ?
मन, सबसे ताकतवर वस्तु ईश्वर ने हमे दी है। न इससे कुछ तेज है, न इससे कुछ धीमा, न इसकी सोच का कोई प्रारंभ है, न इसके सोच का कोई अंत। कभी भी कुछ भी विचार आता है और चला जाता है, कुछ विचार जोश से भर देता है, तो कुछ विचार हमें विचलित कर देते है। कुछ विचार दुःखी करते है तो कुछ विचार आनन्दित करते है। यदि हम अगर इसपर नियंत्रण कर लें, तो हम जैसा चाहे वैसा ही विचार उत्पन्न कर सकते है।
तो कैसे करे नियंत्रण ? हमारे पूर्वज हमसे ज्यादा बुद्धिमान थे, सदियों पहले उन्होंने कई पुस्तकें लिख दी थी, जिसमें मन पर नियंत्रण और उनके शक्तियों के बारे में लिखा हुआ है। लेकिन हम उन पुस्तको के बारे में सोचते तक नहीं पढ़ेंगे कैसे।
वर्तमान में मन पर नियंत्रण का एक सरल उपाय " योग " है। हम योग के द्वारा मन पर नियंत्रण कर सकते है और इसे सही दिशा में जाने का रास्ता दिखा सकते है। परन्तु हम हमेशा अपने इन्द्रियों को सुख देने वाले ही काम करते है, जिससे हम अपने मन का नियंत्रण खो देते है। आज चारो तरफ इतनी बीमारियां फैल चुकी है, फिर भी हम अपने स्वास्थ को लेकर जागरूक नहीं हैं।
हमारा आलस्य हमें बिमारियों की तरफ ले जा रहा है। हमारे शरीर का निर्माण ही ऐसा हुआ है की इससे रोजाना कार्य किया जाय, लेकिन हम अपने आलस्य के कारण पुरे शरीर से कार्य नहीं लेते, इसलिए दिनभर में एकबार तो योग जरूरी है जो आपके पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है एवं पूरे शरीर का व्यायाम कराता है।
एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मनका वास होता है। मन स्वस्थ होगा। तभी आपके विचार भी अच्छे होंगे। आजका विज्ञान कई रोगों का इलाज नहीं ढूंढ पाया है, क्योंकि शायद विज्ञान यह मानना नहीं चाहता की हर रोग का इलाज दवा नहीं कर सकती कुछ रोग को हम अपनी इच्छाशक्ति, मन की शक्ति या संकल्पशक्ति जो भी कहे हम इसी से दूर कर सकते है।
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